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राइटर नहीं एक्टर बनने मुंबई आए थे सलीम खान, 'दोस्ताना' में अमिताभ से ज्यादा फीस लेकर मचा दिया था तहलका

Varsha Rani | Hindi Filmipop | Updated: 25 Nov 2023, 5:34 pm
राइटर नहीं एक्टर बनने मुंबई आए थे सलीम खान, 'दोस्ताना' में अमिताभ बच्चन से ज्यादा फीस लेकर मचा दिया था तहलका
राइटर नहीं एक्टर बनने मुंबई आए थे सलीम खान, 'दोस्ताना' में अमिताभ बच्चन से ज्यादा फीस लेकर मचा दिया था तहलका
सलीम खान, इंडस्ट्री के वो फिल्म राइटर हुए जिन्होंने कई बदलाव किए। सलीम-जावेद की जोड़ी को ही श्रेय जाता है जिन्होंने राइटर्स को क्रेडिट दिलवाया। वरना सालों तक हीरो और डायरेक्टर के दम को ही लोग मानने वाले हुए। सलीम और जावेद की जोड़ी ही थी जिनके काम को देख राइटर्स की फीस भी बदली। तभी कई इंटरव्यू में सलीम खान ने बताया कि कैसे शुरुआत में लोग लेखकों को कुछ समझते ही नहीं थे। मगर उन्होंने एक दिन कह दिया था कि एक वक्त आएगा जब हीरो की तरह राइटर को भी सैलरी मिलेगी। उन्होंने इसे करके भी दिखाया।
फिल्म दोस्ताना के वक्त सलीम खान ने अमिताभ बच्चन से ज्यादा पैसे लिए थे। अमिताभ बच्चन की फीस उस फिल्म के लिए 12 लाख रुपये थी जबकि राइटर को साढ़े 12 लाख रुपये बतौर फीस लेने लगे। 24 नवंबर को 1935 में मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मे सलीम खान मुंबई राइटर नहीं बल्कि एक्टर बनने आए थे।

पढ़ने लिखने के शौकीन

राइटर नहीं एक्टर बनने मुंबई आए थे सलीम खान, 'दोस्ताना' में अमिताभ से ज्यादा फीस लेकर मचा दिया था तहलका

अरबाज खान के शो The Invincibles with Arbaaz Khan में सलीम खान ने खुलाया किया था कि वह इंदौर में थे। बीए के बाद उनके पास कोई नौकरी नहीं थी इसलिए उन्होंने एमए में दाखिला ले लिया था। मगर उन्हें पढ़ने का बहुत शौक था। एक लाइब्रेरी हुआ करती थी, उन्होंने वहां सब किताबे पढ़ डाली थी।

1 हजार के साथ शुरुआत

राइटर नहीं एक्टर बनने मुंबई आए थे सलीम खान, 'दोस्ताना' में अमिताभ से ज्यादा फीस लेकर मचा दिया था तहलका

कॉलेज के समय ही उन्हें मुंबई से आने वाले फिल्ममेकर्स के ऑफर मिलने लगे थे। एक बार उनकी मुलाकात इंदौर में ही 'लैला मजनू' और 'बाजार' जैसी फिल्में बनाने वाले के अमरनाथ से हुई। तभी डायरेक्टर ने सलीम खान को एक हजार रुपये थमाए और कहा कि चलो मुंबई तुम्हें मैं हीरो बनाऊंगा।

88 साल के सलीम खान, नहीं बन पाए हीरो

इस तरह 88 साल के सलीम खान ने मुंबई आए। शुरुआत में उनके पास रहने खाने पीने का ठिकाना नहीं था। मरीना गेस्ट हाउस में 55 रुपये देकर उन्होंने शुरुआत में दिन गुजारे थे। फिर शुरुआत में छोटे मोटे उन्होंने काम किए और फिर वह समझ गए कि वह हीरो बनकर इस इंडस्ट्री में राज नहीं कर सकते हैं।

लिखा करते थे दोस्तों के लिए लव लेटर

सलीम खान ने खुद को बड़े पर्दे पर देखा। उन्होंने खुद ही ये भांप लिया कि वह इस फील्ड में रहकर दिलीप कुमार जैसे सुपरस्टार नहीं बन सकते। इसलिए उन्होंने कुछ नई राहें तलाशने शुरू किए। सलीम खान ने बताया था कि वह कॉलेज में दोस्तों के लिए लवसेटर्स लिखा करते थे। फिर एक दिन उन्होंने मुंबई में भी लिखने की शुरुआत की और वह राइटिंग में उतर आए।