
विक्रम गोखले ने पूरे फिल्मी करियर में करीब 100 फिल्मों में छोटे-बड़े रोल किए। जबकि टीवी पर वह 'विरुद्ध' से लेकर 'अल्पविराम' और 'उड़ान' सरीखे 18 शोज में काम किया। ओटीटी का युग आया तो गोखले साहब ने वहां भी काम करने से गुरेज नहीं किया। वह 2020 में 'अवरोध' वेब सीरीज में नजर आए थे। जबकि बीमार होने से पहले वह 'अम्बेदकर- द लेजेंड' नाम की सीरीज में भी काम कर रहे थे। एक एक्टर होने के साथ-साथ विक्रम गोखले डायरेक्टर भी थे। यकीनन आपके जेहन में भी उनके कई किरदार अब तक तैरने लगे होंगे। लेकिन हम आगे आपको उन 5 फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनमें इस दिग्गज एक्टर को सबसे ज्यादा पसंद किया गया।
आघात (2010)

आघात मूवी
'आघात' का डायरेक्टर विक्रम गोखले ने खुद किया था। बल्कि यह बतौर डायरेक्टर उनकी डेब्यू फिल्म थी। इस फिल्म में उन्होंने सीनियर डॉक्टर खुराना का रोल प्ले किया। फिल्म की कहानी बड़े प्राइवेट अस्पतालों में मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन पर आधारित है। यह फिल्म रोगियों को अस्पताल में होने वाली परेशानियों और चिंताओं को भी दिखाती है। यह भी कि कैसे एक रोगी के साथ उसका परिवार भी अस्पताल के प्रशासन के आगे मजबूर हो जाता है। फिल्म में मुक्ता बर्वे, सुहास जोशी, कादंबरी कदम देसाई, दीपा श्रीराम, माधव अभ्यंकर, अरुण नलवाडे और अनिकेत विश्वासराव ने भी प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं।
नटसम्राट (2016)

नटसम्राट
'नटसम्राट' एक मराठी फिल्म है। इसे मराठी फिल्मों में सबसे बेहतरीन माना जाता है। फिल्म की कहानी के केंद्र में एक रिटायर्ड थिएटर आर्टिस्ट अप्पा है, जिसका किरदार नाना पाटेकर ने निभाया है। फिल्म में विक्रम गोखले ने नाना पाटेकर के दोस्त की भूमिका निभाई है। रिटायरमेंट के बाद अप्पा एक शांत जीवन जीना चाहते हैं, लेकिन कहानी में दुखद मोड़ तब आता है, जब उसके बच्चे सारी संपत्ति अपने नाम करवाने के बाद उसे छोड़ देते हैं।
अनुमती (2013)

अनुमती मूवी
रीमा लागू, नीना कुलकर्णी और सुबोध भावे के साथ विक्रम गोखले ने इस फिल्म में बेहतरीन काम किया है। गजेंद्र अहिरे ने इस फिल्म की कहानी लिखी है और डायरेक्शन किया है। फिल्म में विक्रम गोखले के किरदार का नाम रत्नाकर है। उसकी पत्नी कोमा में चली जाती है। रत्नाकर के पास इतना पैसा नहीं है कि वह पत्नी के इलाज का खर्च उठा सके। एक निराश और असहाय पति की यह कहानी दिल छू जाती है। इस फिल्म ने न्यूयॉर्क इंडियन फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फीचर फिल्म का अवॉर्ड जीता था। जबकि विक्रम गोखले को इसके लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला।
सलीम लंगड़े पे मत रो (1989)

सलीम लंगड़े पे मत जा
विक्रम गोखले ने फिल्म 'सलीम लंगड़े पे मत रो' में हीरो के पिता का रोल निभाया है। फिल्म में पवन मल्होत्रा ने सलीम का लीड रोल प्ले किया है। सईद अख्तर मिर्जा के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में सुरेखा सिकरी भी हैं। इस फिल्म को बेस्ट फीचर फिल्म और बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है।
हम दिल दे चुके सनम (1999)

हम दिल दे चुके सनम
संजय लीला भंसाली की 'हम दिल दे चुके सनम' में विक्रम गोखले ने पंडित दरबार का रोल प्ले किया है। कहानी में वह एक जाने-माने और प्रतिष्ठित शास्त्रीय संगीतज्ञ हैं। वह फिल्म में नंदिनी यानी ऐश्वर्या राय के पिता हैं। कहानी में मोड़ आता है, जब पंडित जी के पास संगीत सीखने आए समीर (सलमान खान) नंदिनी से प्यार हो जाता है।