प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होती यह बहुत ही मुश्किल काम है क्योंकि इस दौरान थकान और पीड़ा महसूस करना बहुत सामान्य है। इसी मानसिक, शारीरिक परेशानी को नियमित एक्सरसाइज के माध्यम से कंट्रोल कर बेहतर महसूस किया जा सकता है।
शरीर की डिमांड, संकेतों को समझने की कोशिश करें
अपनी गर्भावस्था के तीसरे तिमाही में व्यायाम करते समय, अपने शरीर के संकेतों, डिमांड को जानना महत्वपूर्ण है। कठिन एक्सरसाइज के साथ शुरुआत करना बिल्कुल भी सही नहीं है।यदि आप दर्द, चक्कर आने, सांस लेने में तकलीफ या अत्यधिक पसीना आने जैसे लक्षणों का अनुभव कर रही हैं, तो आप जिस तरह के भी एक्सरसाइज कर रही हैं उसे तुरंत रोकें और आराम करें।
रोजाना टहलना जरूरी
टहलना गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतरीन एक्टिविटी में से एक है। अगर पैदल चलने से पर्याप्त कार्डियोवास्कुलर कसरत नहीं मिलती है, तो दौड़ने का प्रयास करें। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान दौड़ने की दिनचर्या शुरू करने की सलाह नहीं दी जाती है। लेकिन यदि आपने इसे 27 सप्ताह तक जारी रखा है, तो इसे रोकने का कोई कारण भी नहीं है जब तक कि आपको को हेल्थ इश्यूज न आये।
प्रेगनेंसी के दौरान स्विमिंग करना अच्छा
तैरना गर्भावस्था के दौरान एक बेहतरीन कसरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि पानी आपके जोड़ों और Ligaments से तनाव को खत्म करता है जिससे आप बिना किसी दर्द के हिल-डुल सकते हैं। यह आपको बहुत ही अच्छा महसूस करता है। स्विमिंग लैप्स या वाटर एरोबिक्स में शामिल होना दोनों ही आपके लिए सुरक्षित और सरल एक्सरसाइज हैं।
पिलेट्स बैलेंस, रिलैक्सेशन, लेबर और डिलिवरी में करता है मदद
पिलेट्स Centre And Pelvic Area को मजबूत करने पर जोर देता है, जो बैलेंस, रिलैक्सेशन, लेबर और डिलिवरी में मदद करता है। यह गर्भावस्था के दौरान एक बेहतरीन व्यायाम है। यदि आप ऐसे एक्सरसाइज की ट्रेनिंग लेने की सोच रही हैं तो बढ़िया प्रशिक्षत और एक्सपीरिएंस्ड ट्रेनर को ही चुनें।
प्रेगनेंसी के दौरान इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
सप्ताह के अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट की मीडियम एक्टिविटी करने की कोशिश करें। यदि सभी नहीं, तो प्रत्येक को 15 मिनट के कई सेशन से शुरू कर सकती हैं। चलने या तैरने जैसे कम तीव्रता वाले व्यायामों से शुरुआत करें। यदि आप स्वस्थ हैं और गर्भावस्था की कोई समस्या नहीं आ रही है, तो गर्भावस्था के दौरान इस मात्रा में व्यायाम जारी रखें जब तक आप कर सकती हैं। इसके अलावा अपने डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट की एडवाइज जरूर फॉलो करें।