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Diabetes के रोगियों को Heart Disease या स्ट्रोक होने की संभावना दोगुनी, जानें इलाज

Authored by पुनीत सैनी | Hindi Filmipop | Updated: 5 Jan 2023, 5:23 pm
Diabetes के रोगियों को Heart Disease या स्ट्रोक होने की संभावना दोगुनी, जानें इलाज
Diabetes के रोगियों को Heart Disease या स्ट्रोक होने की संभावना दोगुनी, जानें इलाज
Heart disease सबसे आम और सीरियस हेल्थ कंडीशंस में से एक है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। यह कई देशों में पुरुषों और महिलाओं दोनों की मृत्यु का प्रमुख कारण है। इस बीमारी में रिस्क तब और ज्यादा बढ़ जाती है जब आपको co-exist बीमारी होती है। अध्ययनों से पता चला है कि जिन लोगों को diabetes है उनमें Heart disease या स्ट्रोक होने की संभावना दोगुनी होती है। स्टडीज में यह बात भी सामने आई है कि दोनों बीमारियों के बीच एक संबंध है इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए आगे पढ़ें…

क्या diabetes और Heart disease co-related हैं?

एक्सपर्ट कहते हैं कि हाई ब्लड शुगर, जिसे diabetes mellitus के रूप में भी जाना जाता है, एक अत्यधिक प्रचलित पुरानी बीमारी है जो या तो तब होती है जब आपका pancreas पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। Heart failure, एक ऐसी स्थिति है जिसमें हार्ट शरीर के माध्यम से oxygenated blood को कुशलतापूर्वक पंप करने में विफल रहता है, दूसरी ओर, अभी भी हमारे देश में अन हेल्दी लाइफ स्टाइल और अनहेल्दी फूड्स के कारण डायबिटीज के मामले बढ़ने के साथ ही Heart failure के मामलों में भी वृद्धि हुई है।
डायबिटीज के रोगियों में Heart failure अधिक आम है
विशेषज्ञ के अनुसार, सामान्य आबादी की तुलना में diabetes वाले लोगों में Heart failure का रिस्क 2-4 गुना अधिक होता है। इसके अलावा, Heart failure भी डयबिटीज के लिए एक रिस्क फैक्टर है। diabetes के रोगियों में, आयु, रोग की अवधि, इंसुलिन का उपयोग, कोरोनरी आर्टरी डिजीज की उपस्थिति और सीरम क्रिएटिनिन ये सभी Heart failure के होने से संबंधित रिस्क फैक्टर हैं। टाइप 2 डायबिटीज या हार्ट फेलियर दूसरे के होने के रिस्क को बढ़ा देते हैं, और दोनों अक्सर एक साथ होते हैं। इससे रोगी का स्वास्थ्य और बिगड़ता जाता है।
रिस्क को कैसे रोकें?
एक्सपर्ट के अनुसार डायबिटिक में हार्ट फेलियर का मेटाबोलिक रिस्क कुछ एंटी-डायबिटिक दवाओं के प्रभाव से बढ़ जाता है। इस प्रकार, ग्लूकोज कम करने वाली दवाओं का उपयोग करके हार्ट फेलियर को रोकना चिकित्सकों और हृदय रोग विशेषज्ञों के लिए अनिवार्य होना चाहिए। इसके अलावा, हार्ट फेलियर वाले डायबिटीज के रोगियों को ग्लाइसेमिक कंट्रोल की तीव्रता, ग्लूकोज-कम करने वाले एजेंटों के प्रकार और खुराक पर नैदानिक निर्णय लेने और ग्लूकोज-कम करने वाली चिकित्सा में किसी भी बदलाव को धीरे-धीरे लागू करने के लिए बहुत ही सावधानी बरते की जरूरत होती है।

हार्ट फेलियर रोकने के लिए इन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
हार्ट फेलियर वाले रोगियों के रोग का इलाज करने के लिए रिस्क फैक्टर का शीघ्र पता जरूरी है। प्रभावी मैनेजमेंट हार्ट फेलियर की शुरुआत को रोकने या देरी करने में मदद करता है। इस लिए ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखना, नियमित व्यायाम करना, हेल्दी वजन बनाए रखना और संतुलित आहार खाना महत्वपूर्ण है।