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कोविड-19 के कॉम्प्लिकेशन्स को कम कर सकती है जल नेति, नेजल इरिगेशन प्रैक्टिस करने का तरीका जानें

Authored by पुनीत सैनी | Hindi Filmipop | Updated: 6 Jan 2023, 4:01 pm
कोविड-19 के कॉम्प्लिकेशन्स को कम कर सकती है जल नेति, नेजल इरिगेशन प्रैक्टिस करने का तरीका जानें
कोविड-19 के कॉम्प्लिकेशन्स को कम कर सकती है जल नेति, नेजल इरिगेशन प्रैक्टिस करने का तरीका जानें
जल नेति क्रिया या नेजल इरिगेशन की प्रैक्टिस करने से साइनसाइटिस के इलाज से लेकर नाक के मार्ग को साफ करने और एलर्जी की स्थिति से लड़ने में लाभ मिलते हैं। लेकिन हाल ही के एक अध्ययन में हाई रिस्क वाले कोविड-19 रोगियों में गंभीरता को कम करने के लिए नेजल सेलाइन फ्लशिंग के उपयोग को भी रेकमेंडेड किया गया है। ईयर, नोज एंड थ्रोट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, नेजल इरिगेशन करने वाले कोरोना वायरस रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 8 गुना कम थी। इस क्रिया की प्रैक्टिस सिर्फ कोविड-19 के मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि आपको कोविड-19 है या नहीं, इस योग क्रिया को रोजाना करना आपके लिए जीवन बदलने वाला हो सकता है। जानें घर पर नेजल इरिगेशन करने का तरीका क्या है।
नेजल इरिगेशन क्या है?
जल नेति क्रिया एक प्राचीन तकनीक है जिसे आपके साइनस को साफ करने के लिए कई स्टेप्स में प्रैक्टिस करना सिखाया जाता है और इसे करने के अन्य कई लाभ हैं। यह हठयोग प्रदीपिका में बताये गये छह शुद्धिकरण विधियों में से एक है। यह एक बहुत ही सरल अभ्यास है जिसे सुबह अपने दांतों को ब्रश करने के तुरंत बाद आसानी से अपने डेली रूटीन में शामिल किया जा सकता है। इसे करने में केवल कुछ ही मिनटों की जरूरत होती है। नाक और साइनस कैविटीज से संबंधित कई समस्याओं और लगातार सिरदर्द, माइग्रेन, नाक की रुकावट जैसी कुछ अन्य बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है।

नेजल इरिगेशन प्रैक्टिस करने का तरीका क्या है?

नाक की सफाई शुरू करने के लिए, आपको बस एक जल नेति बर्तन (मिट्टी, तांबा, चीनी मिट्टी, चांदी, मिट्टी और स्टील में उपलब्ध), थोड़ा नमक और गुनगुना पानी चाहिए। नेति बर्तन एक छोटा बर्तन होता है जिसके किनारे पर एक लंबी टोंटी होती है। लगभग एक लीटर गुनगुने पानी में 1 बड़ा चम्मच नमक मिलाकर
नमक का पानी तैयार करें। और फिर इन स्टेप्स को फॉलो करें-
1. किसी चटाई या फर्श पर उकडू स्थिति में बैठ जाएं। यदि आप इसे खड़े होकर करना चाहते हैं, तो थोड़ा आगे झुकें।
2. खारे पानी को नेति पात्र में डालें। फिर बर्तन की टोंटी को एक नथुने में रखें। आप बाएं नथुने से शुरू कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि टोंटी के अंत में शंकु नथुने के अंदर है।
3. धीरे से अपने सिर को एक तरफ झुकाएं। अपनी ठुड्डी को थोड़ा ऊपर की ओर आसमान की ओर रखें और अपना मुंह खोलें। नेजल इरिगेशन का अभ्यास करते समय मुंह से सांस लें। अपने सिर के झुकाव को उस बिंदु तक एडजस्ट करें जहां पानी आपके बाएं नथुने से दाएं नथुने में बहना शुरू कर दे। बर्तन में पानी खत्म होने तक इस क्रिया को करना जारी रखें।
4. अब बर्तन को फिर से नमक के पानी से भरें। अब दूसरे नथुने से यही प्रक्रिया दोहरायें।
5. इस प्रक्रिया को कई बार दोहराया जा सकता है।
6. अपनी नाक या नासिका से हवा को जबरन बाहर निकालने की कोशिश करें जैसे कि कपालभाति क्रिया को बिना सांस पर ध्यान केंद्रित किए किया जाता है। यह सभी फंसे हुए पानी या नाक की किसी अन्य जलन को बाहर निकालने में मदद करेगा।

एक शुरुआत के रूप में, जब आप पहली बार इस योग क्रिया की प्रैक्टिस करना शुरू करते हैं, तो आपको नाक में जलन, छींक, खांसी आदि हो सकती है, जो कुछ दिनों तक लगातार किये जाने वाले प्रैक्टिस और सेशन के बाद खत्म हो जाएगी।