थाला अजित यानी अजित कुमार, तमिल फिल्मों के सबसे पॉपुलर और सबसे सुपरहिट एक्टर्स में से हैं। उनकी एक तगड़ी फैन फॉलोइंग है, जो उनके हर स्टाइल की दीवानी है। साल 1990 में छोटे से किरदार से एक्टिंग करियर शुरू करने वाले अजित कुमार ने बीते 33 साल में एक रोमांटिक, एक्शन और स्टाइलिश एक्टर के तौर पर पहचान बनाई है। वह 'फोर्ब्स' की 'सेलिब्रिटी 100' लिस्ट में भी शामिल हो चुके हैं। निश्चित तौर पर उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट, सुपरहिट और ब्लॉकस्टर फिल्में दी हैं। उनकी हालिया रिलीज 'थुनिवु' भी सिनेमाघरों में बढ़िया बिजनस कर रही है। लेकिन आज हम यहां उनकी उन 5 सुपरहिट फिल्मों की करने वाले हैं, जिन्होंने अजित कुमार के करियर को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 51 साल के अजित कुमार का इतना बड़ा नाम क्यों है, क्यों वह हर दिल पर राज करते हैं, यह जानना और समझना है तो उनकी ये 5 फिल्में हर किसी को देखनी चाहिए।
आसई (1995) Aasai
अजित कुमार वैसे तो 1993 में रिलीज फिल्म 'अमरावती' में पहली बार बतौर लीड हीरो नजर आए थे। लेकिन 1995 में आई 'आसई' ने उन्हें पहली बार स्टारडम का स्वाद दिया। दिलचस्प है कि इन दोनों फिल्मों के बीच वह 'पसमालगल', 'पवित्रा' और 'राजवीन परवैयिले' जैसी फिल्मों में भी नजर आए, लेकिन ये सभी सपोर्टिंग रोल में थे। 'आसई' में प्यारे, बुद्धिमान और तेज-तर्रार 'जीवा' के रूप में अजित हर जवां दिल खाकर लड़कियों के दिलों की धड़कन बन गए।
कधल कोट्टई (1996) Kadhal Kottai
'आसई' ने अजित कुमार को घर-घर में पहचान दी। हालांकि, यह भी है कि उस फिल्म की सफलता का क्रेडिट उनके साथ ही प्रकाश राज को भी मिला। लेकिन 1996 में आई 'कधल कोट्टई' से अजित ने यह साबित कर दिया कि वह अपने अकेले के दम पर भी फिल्म चला सकते हैं। फिल्म में अजित का किरदार एक राइटर का है। एक यंग राइटर जो एक लड़की के साथ लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशन मे है। एक ऐसी लड़की, जिसे उसने कभी नहीं देखा है।
काधल मन्नान (1998) Kaadhal Mannan
'कधल कोट्टई' की सफलता के बाद आलोचक भी यह मानने लगे कि अजित सुपरस्टार हैं। इस फिल्म के बाद इनकी पॉपुलैरिटी गजब तरीके से बढ़ी और उन्होंने एक साथ आधा दर्जन फिल्में साइन कीं। हालांकि, इन 6 में से पांच फिल्में - नेसम, रासी, उल्लासम, पगैवन और रेटाई जदाई वयासु - फ्लॉप हो गईं। किसी भी हीरो के करियर को यहां खत्म बताया जा सकता था। लेकिन उसी सरन के डायरेक्शन में रिलीज हुई 'काधल मन्नान' ने सबको चुप करवा दिया। अजित कुमार इस फिल्म से थाला अजित बन गए। बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म ने उस दौर में तगड़ी कमाई की थी।
वाली (1999) Vaalee
'काधल मन्नान' के बाद अजित को 'अवल वरुवाला' और 'उन्नाई थेडी' जैसी फिल्मों से भी सफलताएं मिलीं, लेकिन ऐसा लगा जैसे वह रोमांटिक हीरो के तौर पर टाइपकास्ट हो रहे हैं। अजित ने इसके बाद खुद को बदला पहली डबल रोल में ग्रे शेड्स वाले रोल्स में उन्होंने रुचि दिखाई। 'वाली' में उन्होंने एक चुनौतीपूर्ण किरदार को चुना और इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला।
धीना (2001) Dheena
'वाली' के बाद अजित ने साबित कर दिया था कि वह हर तरह के रोल कर सकते हैं। एक एक्टर के तौर पर यह उनके करियर की लंबी छलांग थी। इसके बाद 2001 में एआर मुरुगदास की फिल्म 'धीना' में अजित ने एक गैंगस्टर की भूमिका निभाई। कहानी में उनका किरदार अपनी प्रेमिका को अपने ही भाई और एक पावरफुल गैंगस्टर से बचाता है। इस फिल्म ने उन्हें एक अलग लीग में न सिर्फ स्थापित किया, बल्कि उनके स्टाइल को भी खूब पसंद किया गया।