
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कैसा लगा? दिखने में बड़ा आसान लग रह है ना। लेकिन है बड़ा ही मुश्किल। उस्ताद, लोग-बाग सड़क पर गाड़ी नहीं चला पाते, वहीं गीता हवा में उड़ा रही है।
15 साल की उम्र में हुई थी शादी
मुंबई में सिनेमा की गलियों में गीता का खूब नाम है। पर मंजिल इतनी आसान कतई ना थी। 10 साल की उम्र में गीता की मां चल बसी। बाप ने 15 की उम्र में उसकी शादी कर दी। पति ने पत्नी कम, नौकरानी ज्यादा समझा। बात-बात पिटाई होती। एक बच्चे की मां बन गई गीता। दूसरा पेट में था। भारी सी हो गई थी जिंदगी।
फिर पति को छोड़ा
शब्द कम पड़ रहे हैं, गीता की कहानी लिखने के लिए। अब उसके पास दो बच्चे थे। वो घर से भाग गई थी। अपनी बहन के पास चली गई। जीजा जी नेक आदमी थे। पर गीता का पति खुराफाती था। जीजा का रिक्शा जला दिया। जीजा पर इल्जाम भी लगाया। उनके भले के लिए गीता को वहां से भी भागना पड़ा।
गुरुद्वारे में काटी रातें
जब सब आसरे छूट गए, तो रब्ब का आसरा लिया। नवी मुंबई के वाशी के पास श्री गुरु सिंह साहेब गुरुद्वारा है। गीता ने अपने दोनों बच्चों के साथ वहां शरण ली। ज्यादा दिन वो वहां भी ना कट सकी। दर-बदर... वो फिर वहां से निकल गई अपने बच्चों के साथ।
रोटियां बनाने का मिला काम
एक मैस में गीता को रोटी बनाने का काम मिला। 1200 रुपये पगार थी। इसके बाद गीता ने कई जगहों पर काम किया। वो एक सिंगल मदर थीं। जानते ही हैं आप कि एक अकेली औरत को हमारे समाज में किस-किस तरह की जिल्लतें सहनी पड़ती हैं। इन तमाम दिक्कतों के बावजूद गीता लगी रहीं, डटी रहीं। फिर वो एक भांगड़ा ग्रुप के साथ जुड़ी। वहां से उनकी किस्मत बदली।
जब बनी स्टंटवुमन
एक दोस्त ने गीता को सलाह दी कि वह स्टंट करे। लद्दाख में शूटिंग थी। जलने का सीन था। गीता का चेहरा जल गया था। पर गीता ने उस आग में बहुत कुछ जला दिया था। बहुत कुछ ऐसा जिसे दुनिया संभाले रखती है। वो स्टंटवुमन बन गई। गाड़ी आराम-आराम से चलने लगी। कई शोज में काम मिला। बच्चे स्कूल में पढ़ने लगे। रंगत आने लगी।
क्या कहना है बच्चों का?
गीता का बेटी हर्षा टंडन 21 साल की हैं। वो कहती हैं कि हमारे स्कूल में सबके मम्मी-पापा दोनों आते थे, लेकिन मेरी मम्मी ही मेरे पापा हैं। गीता के बेटे का नाम प्रताप टंडन है। उसकी उम्र 19 साल है। प्रताप को अपनी मां पर गर्व है। अपनी मम्मी को वो अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता है।
एक्शन ही है जिंदगी
गीता ने ‘खतरों के खिलाड़ी’ में भी भाग लिया था। गीता की जिंदगी पूरी तरह से एक्शन से भरी हुई है। कितने उतार-चढ़ाव आए, लेकिन ये स्टंटवुमन घबराई नहीं बल्कि उसने हिम्मत से उन सबका सामना किया।