साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसा सितारा हुआ, जिसने अपने 39 साल के करियर में 900 फिल्में की थीं। इनमें से 40 फिल्मों में उसने डबल रोल निभाया था। यह थे एक्टर प्रेम नजीर, जिन्हें मलयालम सिनेमा में सुनहरा दौर लाने का भी क्रेडिट दिया जाता है। 7 अप्रैल 1927 को जन्मे प्रेम नजीर ने कदीनामकुलम से स्कूल की पढ़ाई की और फिर कॉलेज में एडमिशन ले लिया। लेकिन कॉलेज में जाते ही उन्हें एक्टिंग का चस्का लग गया और उन्होंने थिएटर जॉइन कर लिया। कुछ साल तक प्रेम नजीर ने नाटकों में काम किया।
प्रेम नजीर के नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज हैं। साल 1979 में उनकी 39 फिल्में रिलीज हुई थीं। एक्ट्रेस शीला के साथ प्रेम नजीर ने सबसे ज्यादा फिल्में कीं। शीला के साथ उन्होंने करीब 130 फिल्मों में काम किया। वह शीला को अपना लकी चार्म मानते थे। करीब 40 फिल्मों में उन्होंने डबल रोल तो कुछ में ट्रिपल रोल भी निभाया।
लेकिन 80 के दशक तक आते-आते प्रेम नजीर की पॉपुलैरिटी कम होने लगी। तब कई और स्टार्स आ गए थे, जिनके स्टारडम के आगे प्रेम नजीर फीके पड़ने लगे। पर उन्होंने हार नहीं मानी और सपोर्टिंग किरदारों को अपना आधार बना लिया। इस तरह प्रेम नजीर ने अस्सी के दशक में भी फिल्मों में खूब काम किया और सपोर्टिंग किरदारों में भी टॉप स्टार्स को कड़ी टक्कर देते रहे।
प्रेम नजीर साउथ सिनेमा के ऐसे सितारे थे कि अगर किसी प्रोड्यूसर की फिल्म फ्लॉप हो जाती तो वह फीस नहीं लेते थे। बल्कि उस प्रोड्यूसर की मदद करते थे। वो उसी प्रोड्यूसर के साथ तुरंत ही दूसरी फिल्म करनी शुरू कर देते थे। वह हर तरह से उस प्रोड्यूसर के नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करते थे। लेकिन 1989 में प्रेम नजीर का निधन हो गया।
बताया जाता है कि एक बार प्रेम नजीर के अस्पताल में भर्ती होने की खबर फैल गई तो फैंस उनका हाल जानने को उमड़ पड़े थे। खसरा से पीड़ित एक फैन चुपके से अस्पताल में घुस गया। वह वहां नहाकर पहुंचा था। इस कारण खसरे के इंफेक्शन का खतरा और फैल गया। इसके कारण प्रेम नजीर भी खसरे की चपेट में आ गए। उनकी हालत खराब होती चली गई और फिर 16 जनवरी 1989 में उनका निधन हो गया। प्रेम नजीर की आखिरी फिल्म 1985 में आई थी, जिसका नाम 'वेल्लारिक्का पत्तनम' था। इसमें वह लीड रोल में थे। उनकी मौत के बाद यह फिल्म एक साल तक थिएटर्स में चली थी।