Filmipop

450 घंटे की फुटेज और जंगल के शॉट्स, 5 साल में बनी थी 41 मिनट की ऑस्कर विनिंग The Elephant Whisperers

Edited by संगीता तोमर | Hindi Filmipop | Updated: 13 Mar 2023, 2:28 pm
450 घंटे की फुटेज और जंगल के शॉट्स, 5 साल में बनी थी 41 मिनट की ऑस्कर विनिंग The Elephant Whisperers
450 घंटे की फुटेज और जंगल के शॉट्स, 5 साल में बनी थी 41 मिनट की ऑस्कर विनिंग The Elephant Whisperers
95वें अकेडमी अवॉर्ड्स में भारत की धूम मच गई। 'आरआरआर' के 'नाटू नाटू' सॉन्ग और गुनीत मोंगा की शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री The Elephant Whisperers ने ऑस्कर अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया। 'नाटू नाटू' ने जहां 'बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग' कैटिगरी में ऑल्कर जीता, वहीं 'द एलिफेंट व्हिसपरर्स' ने बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट कैटिगरी में अवॉर्ड अपने नाम किया। किसी इंडियन प्रोडक्शन को मिलने वाला यह पहला ऑस्कर है, जो दो-दो महिलाओं ने जीता।

वैसे तो यह डॉक्यूमेंट्री ऑस्कर में नॉमिनेशन के वक्त से ही चर्चा में थी और यह नेटफ्लिक्स पर भी मौजूद है। लेकिन ऑस्कर मिलने के बाद अब इसकी और ज्यादा चर्चा हो रही है। The Elephant Whisperers की खुशी का ठिकाना नहीं है। पर क्या आप जानते हैं कि इस डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग कैसे हुई थी? टीम को किन किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा?

450 घंटे की फुटेज और जंगल के शॉट्स, 5 साल में बनी थी 41 मिनट की ऑस्कर विनिंग The Elephant Whisperers

फोटो: IMDB



5 साल में जाकर बनी 41 मिनट की 'द एलिफेंट व्हिसपरर्स'
आपको जानकर हैरानी होगी कि 39 से 41 मिनट की The Elephant Whisperers को बनाने में 5 साल लग गए थे। इस बारे में डॉक्यूमेंट्री की प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा ने एक बार wion को दिए इंटरव्यू में बताया था। 'द एलिफेंट व्हिसपरर्स' को कार्तिकी गोंसाल्विस ने डायरेक्ट किया है। डॉक्यूमेंट्री को लेकर Guneet Monga ने कहा था, 'कार्तिकी इस प्रोजेक्ट से 5 साल से जुड़ी हुई थीं। जबकि मैं इससे साढ़े तीन साल से जुड़ी हुई थी। इसके बाद नेटफ्लिक्स साथ में आया और तब हम यह फिल्म बना सके।'

देखिए The Elephant Whisperers का ट्रेलर:


थी 450 घंटे की फुटेज
गुनीत मोंगा ने बताया था कि उनके पास 450 घंटे की फुटेज थी। जंगल के ढेर सारे शॉट्स थे। गुनीत मौंगा ने कहा, 'यह एक बहुत ही पवित्र डॉक्यूमेंट्री है जिसे बनाने में समय लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें सच्ची कहानी है। तो कुछ इस तरह की हमारी जर्नी रही है। कार्तिकी को यह कहानी मिली और इसका क्रेडिट उन्हें ही जाता है। और मैं एक महिला डायरेक्टर को सपोर्ट करके बहुत खुश थी।'


क्या है 'द एलिफेंट व्हिसपरर्स' की कहानी
The Elephant Whisperers 8 दिसंबर को रिलीज हुई थी। यह तमिल भाषा में और साउथ इंडिया के एक कपल बोम्मन और बेली की रियल कहानी है। बोम्मन और बेल्ली मिलकर किस तरहग एक अनाथ हाथी के बच्चे को पालते हैं और उसकी देखभाल करतेहैं, उसे देख किसी भी आंखों में आंसू आ जाएं। इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए उन परिवारों की कहानी दिखाई गई, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी हाथियों के साथ काम करते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। बोम्मन और बेली रघु नाम के हाथी को तमिलनाडु के मुदुमलाई टाइगर रिजर्व से गोद लेते हैं और फिर उसे अपने बच्चे की तरह पालते हैं। वो अपनी पूरी जिंदगी रघु को पालने में ही लगा देते हैं। 'द एलिफेंट व्हिसपरर्स' में इंसान और जानवर के बीच के निस्वार्थ प्रेम को दिखाया गया, जिसकी धूम ऑस्कर्स 2023 में भी देखने को मिली।