बॉलीवुड के दर्शकों की नजर प्रकाश राज पर पहली बार तब पड़ी, जब वो सलमान खान के साथ 'वॉन्टेड' फिल्म में गनी भाई बनकर आए। इसके बाद अजय देवगन की 'सिंघम' में जयकांत शिकरे के रूप में उनका असर ऐसा रहा कि हर कोई दीवाना हो गया। 26 मार्च 1965 को पैदा हुए प्रकाश राज, गुरुवार को 58 साल के हो गए हैं। दिलचस्प है कि उनकी और सलमान खान की उम्र एक ही है। एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, प्रकाश राज की जितनी भी तारीफ की जाए कम है। 5 नेशनल अवॉर्ड, 8 नंदी अवॉर्ड, 8 तमिलनाडु स्टेट अवॉर्ड, 5 फिल्मफेयर अवॉर्ड (साउथ), और ऐसे ही दर्जनों और अवॉर्ड जीत चुके प्रकाश राज सिर्फ एक फिल्म पर्सनैलिटी ही नहीं हैं। वह एक बेबाक भारतीय हैं, जो देश के तमाम मुद्दों में बेधड़क अपनी राय देते हैं। गरीब-मजबूरों के लिए हर पल खड़े रहने वाले प्रकाश राज का हर कोई यूं ही फैन नहीं है। उनके जन्मदिन पर आइए, बात करते हैं 5 ऐसी फिल्मों की जिसमें प्रकाश राज ने अपनी काबिलियत से दिल जीत लिया है-
कांचीवरम (Kanchivaram)
साल 2008 में रिलीज हुई तमिल फिल्म 'कांचीवरम' के डायरेक्टर प्रियदर्शन हैं। फिल्म दक्षिण भारत के प्रसिद्ध शहर कांचीपुरम पर आधारित है, जो अपनी साड़ियों के लिए मशहूर है। प्रकाश राज और श्रीया रेड्डी फिल्म में लीड रोल में हैं। यह फिल्म बेहद खराब परिस्थितियों में रहकर जिंदगी गुजारने पर मजबूर बुनकरों की कहानी है। यह फिल्म आपका दिल दहला देगी। 'कांचीवरम' को बेस्ट फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला था। साथ ही प्रकाश राज ने बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड जीता था।
इरुवर (Iruvar)
साल 1997 में रिलीज हुई तमिल फिल्म 'इरुवर' को न सिर्फ देश में, बल्कि विदेशों में भी खूब सराहना मिली है। मणिरत्नम के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म एक राजनीतिक महाकाव्य की तरह है। फिल्म में मोहनलाल और प्रकाश राज तमिलनाडु की राजनीति के दो दिग्गजों के रोल में हैं। दोनों बड़े अच्छे दोस्त हैं, लेकिन राजनीति के दंगल में आमने-सामने होते हैं। इस फिल्म को क्लासिक कल्ट माना जाता है। फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन, तब्बू और रेवती भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।
बोम्मारिलू (Bommarillu)
साल 2006 में रिलीज तेलुगू फिल्म 'बोम्मारिलू' में जिनिलया डिसूजा और सिद्धार्थ लीड रोल में हैं। भास्कर इस फिल्म के डायरेक्टर हैं। यह एक रोमांटिक-ड्रामा फिल्म है, जिसकी कहानी के केंद्र में एक बाप-बेटा हैं। प्रकाश राज ने फिल्म में सिद्धार्थ के पिता का रोल प्ले किया है। वह अपने बेटे के जीवन के हर फैसले में दखल देते हैं। लेकिन बेटा अब इससे थक चुका है। बेटे को एक लड़की के प्यार हो जाता है और इस कारण बाप-बेटे के रिश्ते में टकराव की शुरुआत होती है।
परुगू (Parugu)
साल 2008 में रिलीज तेलुगू फिल्म 'परुगू' को भी भास्कर ने ही डायरेक्ट किया है। यह फिल्म एक ऐसे शख्स के बारे में है, जो अपनी बेटियों से बहुत प्यार करता है। वह अपनी बेटियों को मॉर्डन लव के जाल में फंसते हुए नहीं देख सकता। लेकिन तभी उसकी एक बेटी को किसी से प्यार हो जाता है। इसके बाद कहानी बदलती है और हमें प्रकाश राज की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस में से एक देखने को मिलती है। फिल्म में प्रकाश राज ने एक ऐसे पिता की भूमिका निभाई है, जिसकी बेटी किसी के साथ भाग गई है। एक परेशान पिता के रोल में प्रकाश राज ने इस फिल्म में दिल जीत लिया है।
संतोष सुब्रमण्यम (Santhosh Subramaniam)
साल 2008 में रिलीज हुई तमिल फिल्म 'संतोष सुब्रमण्यम' एक फुल-टू मसाला एंटरटेनमेंट है। फिल्म में प्रकाश राज एक बार फिर एक पिता के रोल में हैं। एक ऐसा बाप जो अपने बेटे की लाइफ को पूरी तरह कंट्रोल करता है। लेकिन उसका बेटा धीरे-धीरे विद्रोही बन जाता है। हालांकि, वह मन ही मन अपने पिता से बहुत प्यार भी करता है। तमिल फिल्मफेयर अवार्ड्स में इस फिल्म ने कई अवॉर्ड जीते थे।