Satish Kaushik Movies Top 5 Iconic Roles Of Late Actor Calendar To Pappu Pager
सतीश कौशिक को समझना है तो उनकी ये 5 फिल्में देख लीजिए, दिवंगत एक्टर को सिर झुकाकर करने लगेंगे सलाम!
Curated by स्वपनल सोनल | Hindi Filmipop | Updated: 9 Mar 2023, 6:51 pm
सतीश कौशिक का निधन, न सिर्फ भारतीय सिनेमा के लिए एक गहरी क्षति है, बल्कि उनसे जुड़े सैकड़ों लोगों के लिए यह एक व्यक्तिगत हानि है। सतीश कौशिक एक बेहतरीन फिल्ममेकर, एक्टर, स्क्रीनप्ले राइटर और डायलॉग राइटर तो थे ही, इन सब से कहीं आगे एक जबरदस्त शख्सियत थे। सिनेमा के गलियारों में भी जब भी यारों की मफफिल सजती, सतीश कौशिक के बिना वह अधूरी रहती। वह हमेशा सबको हंसाते रहते थे। बिल्कुल अपने फिल्मी किरदारों की तरह। सतीश कौशिक को उदासी से चिढ़ थी। वह कहते थे कि जिंदगी जीने के लिए है, हंसने के लिए है। लेकिन गुरुवार, 9 मार्च को जब वह इस दुनिया से रुखसत हुए तो हर आंख से आंसू छलके। 66 साल की उम्र में सतीश कौशिक का निधन हुआ। आज हर कोई उनके फिल्मी किरदारों की बात कर रहा है। किसी फिल्म में उन्होंने चाहे कितना भी छोटा रोल क्यों न निभाया हो, अपनी कॉमिक टाइमिंग से उसमें छाप जरूर छोड़ी। 1956 में हरियाणा में पैदा हुए सतीश कौशिक ने अपने किरदारों के नाम भी ऐसे चुने कि उन्हें सुनते ही हंसी छूट जाए।
सतीश कौशिक सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर ही नहीं, एक जबरदस्त डायरेक्टर भी थे। सलमान खान की 'तेरे नाम' हो या पंकज त्रिपाठी की 'कागज' सतीश कौशिक ने अपनी फिल्मों में ऐसी कहानियां दिखाई, जो सिनेमा को लेकर उनकी बारीक नजर को बयान करती है। अगर आपने सतीश कौशिक की फिल्मों को नहीं देखा है, तो कम से कम उनकी ये पांच फिल्में देख लीजिएगा। आप उनके मुरीद हो जाएंगे।
'जाने भी दो यारो' में अशोक (1983)
सतीश कौशिक ने इस फिल्म में पंकज कपूर के किरदार तरनेजा के असिस्टेंट की भूमिका निभाई है। पंकज कपूर इस फिल्म में एक भ्रष्ट ठेकेदार हैं, जबकि सतीश कौशिक उनके असिस्टेंट अशोक नंबूदरीपाद के रोल में हैं। इस फिल्म में पंकज कपूर का किरदार नगर निगम आयुक्त सतीश शाह यानी डी'मेलो की हत्या करता है। फिल्म में नसीरुद्दीन शाह और सतीश कौशिक के बीच टेलीफोन पर बातचीत का एक सीन है, जो बहुत ही मजेदार है।
'मिस्टर इंडिया' में कैलेंडर (1987)
'मेरा नाम है कैलेंडर, मैं तो चला किचन के अंदर...' शेखर कपूर के डायरेक्शन में बनी 'मिस्टर इंडिया' में सतीश कौशिक का किरदार कैलेंडर ऐतिहासिक है। वह अनिल कपूर के घर में बावर्ची हैं।
'राम लखन' में काशीराम (1989)
सुभाष घई के डायरेक्शन में बनी 'राम लखन' में राखी, जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर, डिंपल कपाड़िया, माधुरी दीक्षित और अमरीश पुरी जैसे दिग्गज एक्टर्स की भीड़ थी। बावजूद इसके सतीश कौशिक के किरदार काशीराम ने खूब सुर्खिया बटोरीं। अनुपम खेर इस फिल्म में देवधर के रोल में हैं। सतीश कौशिक और अनुपम खेर की जोड़ी ने इस फिल्म को मजेदार बना दिया है।
'साजन चले ससुराल' में मुत्थु स्वामी (1996)
श्यामसुंदर (गोविंदा) गांव का रहने वाला है। संगीत में करियर बनाने के लिए वह शहर आया है। यहां उसकी मुलाकात एक दक्षिण भारतीय तबला वादक मुरनचंद मुत्थुस्वामी (सतीश कौशिक) से होती है। दोनों दोस्त बन जाते हैं और शहर में अपनी धाक जमाने के लिए निकल पड़ते हैं। इस फिल्म में सतीश कौशिक को उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है।
'दीवाना मस्ताना' में पप्पू पेजर (1997)
सतीश कौशिक ने इस फिल्म में एक कॉन्ट्रैक्ट किलर, पप्पू पेजर का रोल प्ले किया है। डेविड धवन के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में गोविंदा, अनिल कपूर और जूही चावला मुख्य भूमिकाओं में हैं।