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'सामने गुरु दत्त की लाश और आधी खुली आंखें, वो हाथ कुछ कहना चाह रहे थे', आखिर क्या हुआ था उस रात?

Edited by रूही डडवाल | Hindi Filmipop | Updated: 11 Jul 2023, 3:02 pm
'सामने गुरु दत्त की लाश और आधी खुली आंखें, वो हाथ कुछ कहना चाह रहे थे', आखिर क्या हुआ था उस रात?
'सामने गुरु दत्त की लाश और आधी खुली आंखें, वो हाथ कुछ कहना चाह रहे थे', आखिर क्या हुआ था उस रात?
हिंदी सिनेमा के अनमोल सितारों में शुमार रहे गुरु दत्त की हाल ही 98वीं बर्थ एनिवर्सरी थी। एक्टर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन फिल्मों के सहारे वह आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं। गुरु दत्त की 10 अक्टूबर 1964 में मौत हो गई थी। वह पैडर रोड स्थित अपने घर पर मृत मिले थे। 10 तारीख की सुबह जब उनके घर का दरवाजा तोड़ा गया, तो दिल दहला देने वाला मंजर देखने को मिला था।

कुछ साल पहले 'फिल्मफेयर' से बातचीत में गुरु दत्त की बहन ललिता लाजमी ने वह मंजर बयां किया था। ललिता लाजमी ने बताया था कि 10 अक्टूबर की सुबह दरवाजा तोड़ा गया तो सामने गुरु दत्त मृत पड़े थे। उनके हाथ की जो पोजिशन थी, उसे देखकर लग रहा था कि वह कुछ कहने की कोशिश कर रहे थे। वहीं उनकी आंखें आधी खुली हुई थीं। ललिता लाजमी के मुताबिक, सबको यही लगता रहा है कि गुरु दत्त ने सुसाइड किया। लेकिन ऐसा जानबूझकर नहीं हुआ था।

'सामने गुरु दत्त की लाश और आधी खुली आंखें, वो हाथ कुछ कहना चाह रहे थे', आखिर क्या हुआ था उस रात?

बेटे और पत्नी के साथ गुरु दत्त, फोटो: Twitter@FilmHistoryPic

9 अक्टूबर 1964 की वो मनहूस रात

ललिता लाजमी ने बताया था कि मौत से एक रात पहले 9 अक्टूबर को राइटर अबरार अल्वी उनके भाई गुरु दत्त के घर पर ही थे। अबरार अल्वी ने उन्हें समझाया था कि वह दारू के साथ नींद की गोलियां न खाया करें। काफी समझाने के बाद वह उस रात खाना खाए बिना ही घर चले गए। गुरु दत्त ने भी कुछ नहीं खाया। उन्होंने उस दिन पत्नी गीता दत्त से फोन पर बात कर बच्चों को वीकेंड पर उनके पास भेजने के लिए कहा था। लेकिन गीता ने मना कर दिया। गुरु दत्त शादी में आ रही परेशानियों से पहले से ही परेशान थे। उनकी फिल्में भी नहीं चल रही थीं। इन तमाम परेशानियों का बोझ उनके कंधे पर बढ़ रहा था।

'सामने गुरु दत्त की लाश और आधी खुली आंखें, वो हाथ कुछ कहना चाह रहे थे', आखिर क्या हुआ था उस रात?

गुरुदत्त और उनकी बहन ललिता लाजमी (फाइल फोटो)

परिवार के लिए रहस्य रही मौत

अबरार अल्वी तो 9 अक्टूबर की रात डिनर किए बिना गुरु दत्त के यहां से आ गए, पर एक्टर इस दुनिया से हमेशा के लिए चले गए। गुरु दत्त ने उस रात खाना भी नहीं खाया था। कोई नहीं जानता कि फिर उस रात वहां पैडर रोड वाले फ्लेट में क्या कुछ हुआ। ललिता लाजमी ने कहा था कि गुरु दत्त की मौत उनके परिवार के लिए हमेशा रहस्य ही रही।

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फोटो: ETimes

दुनिया की 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की लिस्ट में गुरु दत्त की मूवी

गुरु दत्त के जाने से फिल्म इंडस्ट्री के एक युग का अंत हो गया। वह एक नामी एक्टर ही नहीं बल्कि डायरेक्टर, कोरियोग्राफर और राइटर भी रहे। अपने करियर में गुरु दत्त ने 8 हिंदी फिल्में डायरेक्ट की थीं, जिन्हें हिंदी सिनेमा के इतिहास में कल्ट माना जाता है। उनकी फिल्म 'प्यासा' को टाइम मैगजीन के दुनिया की 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की फेहरिस्त में शुमार किया था। आज भी यह रिकॉर्ड कोई फिल्म नहीं तोड़ पाई है। गुरु दत्त को आज भी 'कागज के फूल', 'प्यासा', 'चौदहवीं का चांद' और 'साहिब बीवी और गुलाम' जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाता है।