When Asha Parkeh Was Ousted From Her First Film As A Heroine
Asha Parekh: जब आधी शूटिंग के बाद पहली ही फिल्म से निकाली गईं आशा पारेख, मिली थी इतनी फीस
Edited by संगीता तोमर | Hindi Filmipop | Updated: 1 Aug 2023, 11:40 pm
बीते जमाने की मशहूर एक्ट्रेस आशा पारेश ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की थी। तब उनका स्क्रीन नेम बेबी आशा पारेख था। डायरेक्टर बिमल रॉय ने उन्हें एक फंक्शन में स्टेज पर डांस करते हुए देखा, तो फिल्म 'मां' में साइन कर लिया। साल 1952 में आई इस फिल्म के वक्त आशा पारेख 10 साल की थी। इसके बाद आशा पारेख ने कुछ और फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट का रोल किया और फिर स्कूल की पढ़ाई के कारण एक्टिंग से दूरी बना ली। लेकिन 16 साल की होने पर आशा पारेख ने फिल्मों में दोबारा ट्राई किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बतौर हीरोइन पहली ही फिल्म से आशा पारेख को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था?
Asha Parekh ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्हें बतौर हीरोइन उनकी पहली फिल्म से निकाल दिया गया था। डायरेक्टर विजय भट्ट ने आशा पारेख को फिल्म 'गूंज उठी शहनाई' के लिए साइन किया था। इसके लिए उन्हें 11 रुपये का साइनिंग अमाउंट भी दिया गया था। आशा पारेख की खुशी का ठिकाना नहीं था। वह चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में कई फिल्मों में काम कर चुकी थीं, और अब फाइनली हीरोइन बनने का सपना पूरा होने जा रहा था।
शूट के बीच निकाला, कहा-स्टार मटीरियल नहीं हो
लेकिन आशा पारेख का यह सपना तब चकनाचूर हो गया, जब कुछ दिनों की शूटिंग के बाद डायरेक्टर ने आशा पारेख को फिल्म से निकाल दिया। साथ ही यह कह दिया कि वह स्टार मटीरियल नहीं हैं। डायरेक्टर ने आशा पारेख की जगह उस वक्त की जानी-मानी एक्ट्रेस अमीता को साइन कर लिया।
8 दिन बाद चमकी किस्मत, नासिर हुसैन ने दिया मौका
लेकिन आशा पारेख की किस्मत में कुछ और ही लिखा था। फिल्म से निकाले जाने के आठ दिन बाद आशा पारेख को नासिर हुसैन ने अपनी फिल्म 'दिल देके देखो' के स्क्रीन टेस्ट के लिए बुला लिया। चूंकि पहली फिल्म के लिए ही आशा पारेख रिजेक्ट हो चुकी थीं, इसलिए वह बहुत नर्वस थीं और डरी हुई भी। उन्होंने डरते-डरते फिल्म के लिए ऑडिशन दिया और क्लियर कर लिया। नासिर हुसैन ने आशा पारेख को 'दिल देके देखो' में शम्मी कपूर के ऑपोजिट साइन कर लिया।
नासिर हुसैन और आशा पारेख
आशा पारेख की डांस अकेडमी और हॉस्पिटल
साल 1959 में रिलीज हुई यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही और इसने आशा पारेख को रातोंरात स्टार बना दिया। उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई। 'दिल देके देखो' की ब्लॉकबस्टर सफलता के बाद आशा पारेख ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि 1996 में आशा पारेख ने फिल्मों को अलविदा कह दिया और अब वह अपनी डांस अकेडमी पर फोकस कर रही हैं। इसके अलावा मुंबई के सांता क्रूज में आशा पारेख के नाम पर एक हॉस्पिटल भी बना हुआ है।