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जब गर्ल्‍स हॉस्‍टल के बाहर गर्लफ्रेंड का इंतजार कर रहे रेमो फर्नांडीस ने सीखा बांसुरी बजाना

Curated by स्वपनल सोनल | Hindi Filmipop | Updated: 8 May 2023, 9:45 pm
जब गर्ल्‍स हॉस्‍टल के बाहर गर्लफ्रेंड का इंतजार कर रहे रेमो फर्नांडीस ने सीखा बांसुरी बजाना
जब गर्ल्‍स हॉस्‍टल के बाहर गर्लफ्रेंड का इंतजार कर रहे रेमो फर्नांडीस ने सीखा बांसुरी बजाना
'ओ मेरी मुन्‍नी... मुन्‍नी मुन्‍नी बेबी...' 90 के दशक में जब हिंदुस्‍तान पॉप म्‍यूजिक का ककहरा पढ़ रहा था, रेमो फर्नांडीस एक ऐसा नाम बनें, जिन्‍होंने संगीत की इस विधा को आम दिलों की धड़कन से जोड़ा। 8 मई 1953 को पैदा हुए रेमो सोमवार को 70 साल के हो गए हैं। वह लंबे समय से सिनेमा की दुनिया से गायब हैं। 2013 में उन्‍होंने आख‍िरी बार बॉलीवुड फिल्‍म 'लव यू सोनियो' के लिए गाना गाया। जबकि 2015 में वह अनुराग कश्‍यप की फिल्‍म 'बॉम्‍बे वेलवेट' में नजर आए। यह एक्‍ट‍िंग की दुनिया में उनका डेब्‍यू था। लेकिन फिर रेमो बॉलीवुड से गायब हो गए। रेमो मूल रूप से गोवा के रहने वाले हैं। वह 2016 में पुर्तगाल चले गए। गोवा उनका आना-जाना लगा रहता है। सिनेमा से रेमो की दूरी भले ही बढ़ गई हो, लेकिन संगीत की उनकी साधना आज भी जारी है।
Remo Fernandes हिंदी, अंग्रेजी, फ्रेंच, पुर्तगाली और कोंकणी भाषा में गाने लिखते हैं, कम्‍पोज करते हैं और उसे गाते हैं। वह इन दिनों लाइव शोज करते हैं। खासकर गोवा में वह अक्‍सर शोज करते हुए नजर आ जाते हैं। रेमो के संगीत और गानों की सबसे बड़ी खास‍ियत उनका फ्यूजन है। वह गिटार के साथ बांसुरी का गजब मेल करते हैं। महज 7 साल की उम्र में पॉप म्‍यूजिक से दोस्‍ती करने वाले रेमो ने 14 साल की उम्र में अपना पहला गाना लिखा और कम्‍पोज किया था। बॉलीवुड में जब 1995 में उन्‍होंने एआर रहमान की धुन पर 'बॉम्‍बे' फिल्‍म के लिए 'हम्‍मा हम्‍मा' सॉन्‍ग गाया तो सनसनी मचा दी। फिर 1998 में 'ओ मेरी मुन्‍नी' गाना आया।
जब गर्ल्‍स हॉस्‍टल के बाहर गर्लफ्रेंड का इंतजार कर रहे रेमो फर्नांडीस ने सीखा बांसुरी बजाना

रेमो फर्नांडीस


रेमो ने आर्किटेक्‍चर की थी पढ़ाई, पर संगीत को बनाया करियर

आर्किटेक्‍चर में ग्रेजुएशन करने वाले रेमो ने स्‍कूल के दिनों में ही अपना पहला बैंड बनाया था। पढ़ाई खत्‍म कर मुंबई आए तो शहर के टॉप बैंड्स के साथ ढेर सारी परफॉर्मेंस दी। वह जब 22 साल के थे, तब 1975 में पहला एल्बम 'ओड टू द मसीहा' रिलीज किया। खैर, गिटार और बांसुरी से फ्यूजन म्‍यूजिक क्रिएट करने वाले रेमो के बांसुरी सीखने का किस्‍सा दिलचस्‍प है। बात मुबई की है और गर्ल्‍स हॉस्‍टल के बाहर गर्लफ्रेंड के इंतजार से जुड़ी हुई है।

रेमो की आत्‍मकथा में गर्ल्‍स हॉस्‍टल और बांसुरी का किस्‍सा

अपनी ऑटोबायोग्राफी यानी आत्‍मकथा में रेमो इस मजेदार किस्‍से का जिक्र करते हैं। वह बताते हैं कि इंटरनेशनल आर्टिस्‍ट्स के गानों में बांसुरी की धुन ने उन्‍हें बहुत आकर्ष‍ित किया था। रेमो अपनी आत्‍मकथा में लिखते हैं, 'मैं उन दिनों एक लड़की को डेट कर रहा था। वह मुंबई के मरीन ड्राइव पर सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में रहा करती थी। एक दिन उसने मुझे मिलने बुलाया। मैं वहां जरा जल्‍दी पहुंच गया। गर्ल्‍स हॉस्‍टल में उन दिनों बहुत कड़ाई थी, इसलिए अंदर जा नहीं सकता था। मेरे लिए अंदर से मैसेज आया कि अभी एक घंटे का समय लगेगा।'

जब गर्ल्‍स हॉस्‍टल के बाहर गर्लफ्रेंड का इंतजार कर रहे रेमो फर्नांडीस ने सीखा बांसुरी बजाना

बांसुरी और गिटार के साथ लाइव परफॉर्मेंस के दौरान रेमो


एक घंटे में सीख गए बांसुरी बजाना

रेमो बताते हैं कि उनके पास एक विकल्‍प यह था कि वह एक घंटे बाद दोबारा वहां पहुंचे। लेकिन फिर उन्‍होंने सोचा कि वहीं समंदर किनारे इंतजार कर लेंगे। रेमो लिखते हैं, 'मैं वहीं चौपाटी पर इंतजार कर रहा था। वहां आसपास कई सारे वेंडर थे। कोई गुब्बारे बेच रहा था, तो कोई बच्चों के खिलौने। तभी मेरी नजर वहां एक बांसुरी वाले पर पड़ी। मैं उसके पास गया। वह बड़ी अच्‍छी बांसुरी बजा रहा था। मैंने भी उससे एक बांसुरी ली और बजाने लगा। इस पर उसने मुझे टोका और कहा कि गलत बजा रहे हो। फिर उस बांसुरी वाले ने मुझे कुछ टिप्‍स दिए। मेरे पास वक्‍त तो था ही, वहीं इंतजार करते-करते करीब आधे-एक घंटे तक मैं बांसुरी बजाने की प्रैक्‍ट‍िस करता रहा।'

गिटार और बांसुरी का फ्यूजन बन गया ट्रेडमार्क

रेमो फर्नांडीस बताते हैं कि यहां से उनका बांसुरी से लगाव ऐसा बढ़ा कि यह उनकी द‍िनचर्या में शामिल हो गया। इसके बाद उन्‍होंने धीरे-धीरे खुद से ही बांसुरी बजाना सीख लिया। फिर जब वह अगले गाने के कम्‍पोजिशन पर काम कर रहे थे, तब उसमें गिटार के साथ बांसुरी का फ्यूजन डाला। लोगों को यह पसंद आया और यहीं से गिटार के साथ बांसुरी रेमो का सबसे पसंदीदा म्‍यूजिक इंस्‍ट्रूमेंट बन गया।