Filmipop

The Kashmir Files पर Nadav Lapid की बात पर हल्‍ला क्‍यों? नाना पाटेकर, प्रकाश राज तो पहले ही कह चुके हैं ये!

Curated by स्वपनल सोनल | Hindi Filmipop | Updated: 29 Nov 2022, 12:38 pm
कौन हैं नदाव लैपिड, उनकी बात पर इतना हल्‍ला क्‍यों, प्रकाश राज और नाना पाटेकर ने 8 महीने पहले ही कह दी ये बात
कौन हैं नदाव लैपिड, उनकी बात पर इतना हल्‍ला क्‍यों, प्रकाश राज और नाना पाटेकर ने 8 महीने पहले ही कह दी ये बात
इजरायली स्‍क्रीनप्‍ले राइटर और फिल्‍ममेकर नदाव लैपिड इस वक्‍त भारत में सबसे अध‍िक चर्चा में हैं। गोवा में आयोजित 53वे इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्‍ट‍िवल ऑफ इंडिया ने नदाव ने 'द कश्‍मीर फाइल्‍स' को 'वल्‍गर' और 'प्रोपगेंडा' वाली फिल्‍म बताया है। यानी एक ऐसी फिल्‍म जो 'अश्‍लील' और 'दुष्‍प्रचार' करती है। नदाव लैपिड फिल्‍म फेस्‍ट‍िवल के जूरी हेड थे, उन्‍होंने यह भी कहा कि इस फिल्‍म को देखकर जूरी के सदस्‍य परेशान और स्‍तब्‍ध यानी चौंक गए थे। नदाव के बयान पर बवाल ऐसे बढ़ गया है, जैसे विवेक अग्‍न‍िहोत्री की इस फिल्‍म को पहली बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। जबकि इससे पहले नाना पाटेकर से लेकर प्रकाश राज जैसे दिग्‍गजों ने भी 'द कश्‍मीर फाइल्‍स' को भड़काऊ और समाज को बांटने वाला बताया था।

कश्‍मीर में 90 के दशक में कश्‍मीरी पंडितों पर हुए अत्‍याचार की कहानी कहती The Kashmir Files इसी साल 18 मार्च को रिलीज हुई थी। इस फिल्‍म ने बॉक्‍स ऑफिस पर 246.91 करोड़ रुपये का कलेक्‍शन किया। दिलचस्‍प है कि ओपनिंग डे पर महज 3.36 करोड़ रुपये कमाने वाली इस‍ फिल्‍म को लेकर पहले वीकेंड तक ही ऐसा माहौल बना, जैसे सिनेमाघरों में फिल्‍म नहीं कोई आयोजन हो रहा है। थ‍िएटर्स में खूब नारे लगने लगे। कश्‍मीरी पंडितों पर हुए अत्‍याचार को नरसंहार बताया जाने लगा। उस वक्‍त भी इस फिल्‍म की एक तरफ खूब तारीफ हो रही थी तो दूसरी ओर, जमकर आलोचना भी हुई। यह एक ऐसी फिल्‍म भी है, जिसका देश के प्रधानमंत्री Narendra Modi ने भी खुलकर समर्थन किया।

'द कश्‍मीर फाइल्‍स इस समारोह के लायक नहीं'
सोमवार को गोवा में क्‍लोजिंग सेरेमनी के दौरान Nadav Lapid ने कहा कि फिल्‍म फेस्‍ट‍िवल की जूरी ने कुल 15 फिल्‍में देखीं। इनमें से 14 फिल्‍में ऐसी थीं, जिनमें सिनेमा के गुण थे। जबकि 15वीं फिल्‍म 'द कश्‍मीर फाइल्‍स' थी, जिसे देखकर सभी परेशान हो गए और जूरी के सभी सदस्‍यों को गहरा झटका लगा। नदाव ने कहा, 'ऐसा लगता है कि द कश्‍मीर फाइल्‍स एक प्रोपगेंडा वाली फिल्‍म है, अश्‍लील फिल्‍म है और यह इस तरह के एक प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लायक नहीं है।

नाना पाटेकर ने कहा था- यह फिल्‍म समाज के टुकड़े करने वाला है
वैसे, जो बात नदाव ने अब कही है, यही बातें 8 महीने पहले Nana Patekar से लेकर प्रकाश राज तक ने कही थी। दिग्‍गज एक्‍टर नाना पाटेकर ने खुलकर फिल्म की आलोचना की थी। उन्‍होंने कहा था, 'भारत के हिंदू और मुसलमान यहीं के रहने वाले हैं। दोनों ही कौम के लिए अमन और शांति से रहना जरूरी है। दोनों समुदायों को एक-दूसरे की जरूरत है। समाज में दोनों ही एक-दूसरे के बगैर रह नहीं सकते। यदि किसी फिल्म के कारण विवाद खड़ा हो रहा है, जबकि सभी लोग अमन-शांति से रह रहे हैं, तब ऐसे बखेड़ा खड़ा करना ठीक नहीं है। जो ऐसा कर रहे हैं उनसे जवाब मांगना चाहिए। फिल्म देखने के बाद समाज के दो टुकड़े हो जाएंगे, समाज में इस तरह दरार डालना ठीक नहीं है।'

प्रकाश राज ने कहा- ये नफरत के बीज बो रहे हैं
साउथ और बॉलिवुड फिल्मों के मशहूर एक्‍टर Prakash Raj ने इजरायली फिल्‍ममेकर के बयान समर्थन किया है। उन्‍होंने कहा कि 'बेशर्मी अब सबके सामने है।' प्रकाश ने फिल्‍म की रिलीज के बाद भी इसे जमकर कोसा था। तब उन्‍होंने कहा था, 'कश्मीर फाइल्स... ये घाव भर रहे हैं या नफरत के बीज बो रहे हैं? बस पूछ रहा हूं। फाइल्स... पाइल्स एन फाइल्स... वैधानिक चेतावनी। अगर ये कट्टरपंथी हमारे देश के हिंदुओं और मुसलमानों को बांटना जारी रखते हैं तो हम भारतीय जल्द ही अल्पसंख्यक हो जाएंगे।'

कौन हैं नदाव लैपिड? Who is Nadav Lapid
इंटरनेट पर इस वक्‍त नदाव लैपिड को सबसे अध‍िक सर्च किया जा रहा है। इजरायल के तेल अवीव में जन्मे नदाव लापिड को सिनोनिम्स (2019), द किंडरगार्टन टीचर (2014) और पुलिसमैन (2011) जैसी फिल्‍मों के लिए जाना जाता है। नदाव इससे पहले 2015 के लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लेपर्ड जूरी के सदस्य रहे हैं। 2016 में वह कान फिल्म फेस्टिवल में इंटरनेशनल क्रिटिक्स वीक जूरी के सदस्य थे और 71 वें बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म में 'आधिकारिक प्रतियोगिता' जूरी के सदस्य रहे हैं।

नदाव ने कहा था- बीमार है इजरायल की आत्‍मा
नदाव लैपिड की उम्र 47 साल है। वह अपने देश यानी इजरायल में भी लव-हेट रिलेशन के लिए जाने जाते हैं। नदाव लैपिड उन 250 इजराइली फिल्म मेकर्स में से हैं, जिन्‍होंने शोमरॉन (सामरिया/वेस्ट बैंक) फिल्म फंड के लॉन्च के विरोध में एक ओपन लेटर पर साइन किए थे। नदाव ने एक इंटरव्यू में अपनी फिल्म 'सिनोनिम्स' के बारे में बात करते हुए कहा था कि 'इजरायल की सामूहिक आत्मा एक बीमार आत्मा है।'