Who Was Rekha Husband She Was Married To Delhi Businessman Mukesh Agarwal In Juhu Temple
'चट मंगनी पट ब्याह' जैसी थी रेखा की शादी, दोपहर में दूल्हे ने किया प्रपोज़ और शाम को ही ले लिए थे सात फेरे
Curated by अर्चना सिंह | Hindi Filmipop | Updated: 6 Sep 2023, 5:18 pm
ये किस्सा है रेखा की शादी की, जिसका फैसला बिना सोचे-समझे लिया गया। रेखा की मुलाकात एक पार्टी में दिल्ली के बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से हुई। इस मुलाकात के एक महीने बाद ही मुकेश सुरिंदर कौर को लेकर रेखा के घर जा पहुंचे। कहते हैं कि उन्होंने आव देखा न ताव, झट से रेखा के सामने शादी का प्रपोजल रख दिया। रेखा ने भी हामी भर दी जिसके बाद मुकेश की खुशी का ठिकाना नहीं था।
मुकेश ने रेखा से फौरन कहा कि चलो अभी शादी कर लेते हैं। हालांकि, उस दोनों में से किसी की फैमिली वहां मौजूद नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद शादी का फैसला उन्होंने ले लिया था। रेखा के लिए ये पल बेहद खुशनुमा था क्योंकि उन्हें शादी और एक अटूट रिश्ते की चाहत न जाने कब से थी।
शाम होते ही रेखा अपनी शादी के लिए तैयार होने लगीं
खैर, शादी की तैयारियां शुरू हुईं। रेखा ने शाम होते ही अपनी फेवरेट लाल और गोल्डन कांजीवरम साड़ी और इसके साथ मैचिंग जूलरी पहनी। यासिर उस्मान की लिखी किताब में बताया गया है कि किस तरह दोनों दूल्हे-दुल्हन की तरह सज-धजकर जुहू में किसी ऐसे मंदिर की तलाश में भटकने लगे जहां शादी की रस्मों को निभाया जा सके।
इस्कॉन मंदिर में थी जबरदस्त भीड़
जूहू स्थित इस्कॉन मंदिर में जबरदस्त भीड़ थी, ऐसे में वहां जाकर शादी करना असंभव था। फिर उनकी नजरें इस्कॉन के सामनेके सामने मुक्तेश्वर देवालय मंदिर में पड़ी। अब रात के 10 बज चुके थे और मंदिर का पाट बंद हो चुका था,वहां के पुजारी संजय सोने जा चुके थे।
रेखा की शादी की वजह से मंदिर के ये नियम तोड़े गए
मुकेश ने पुजारी को जगाया और उनका कहा कि उन्हें अभी शादी करनी है। सामने एक्ट्रेस रेखा थीं, पुजारी की नींद तो ऐसे ही गायब हो चुकी थी। क्योंकि ऐसा हमेशा नहीं होता कि इतनी बड़ी हस्ती शादी के लिए इतनी रात में मंदिर आए और वो भी ऐसी जल्दबाजी में। मंदिर के भी अपने कुछ नियम थे, जैसे कि आरती के बाद मंदिर का दरवाजा बंद होने पर नहीं खुलता था लेकिन उस रात रेखा की शादी की वजह से मंदिर के ये नियम तोड़े गए।
रात के 10:30 बजे शादी के मंत्र पढ़े गए
बताया जाता है कि इन नियमों को तोड़ने की वजह से उस पुजारी को मंदिर से निकाल दिया गया था। रात के 10:30 बजे शादी के मंत्र पढ़े गए। यासिर उस्मान ने लिखा है- पूरे बचपन नाजायज संतान के ताने सुनने के बाद उन्हें वो मिला जिसकी तलाश बचपन से ही उन्हें थी। दरअसल रेखा को इस शादी से एक जायज सरनेम मिल चुका था।