नई दिल्ली। ठंड का मौसम अपने साथ एलर्जी की परेशानी भी साथ लेकर आता है। सर्दियों में धूल की एलर्जी बहुत आम है। अत्यधिक खांसी और लगातार छींक इसके सामान्य लक्षण होते हैं। ऐसी एलर्जी धूल या डस्ट की एलर्जी है, जो छोटे धूल के कण से होती है। और इसका मुकाबला करना वास्तव में कठिन काम है। इसे मैनेज करना आसान नहीं है। धूल से होने वाली एलर्जी के कुछ सामान्य लक्षणों में छींक आना, नाक बहना, आंखों से आंसू आना, खांसी और सांस लेने में तकलीफ आदि शामिल हैं।
हल्दी, जिसे संस्कृत में हरिद्रा के रूप में जाना गया है, बेहद हेल्दी और शक्तिशाली मसाला है जो धूल एलर्जी के लक्षणों सहित असंख्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रामबाण के रूप में काम करता है। हल्दी मौसमी संक्रमण से होने वाली लगातार खांसी और सूजन को कम करती है। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म हल्दी वाला दूध पीने से धूल से होने वाली एलर्जी का इलाज करने में मदद मिलती है।
सदियों पुराना घरेलू उपचार है तुलसी की चाय
Bioactive Components की पर्याप्त मात्रा से युक्त, तुलसी धूल एलर्जी सहित श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए एक सदियों पुराना घरेलू उपचार है। पत्तियों को गर्म पानी में उबालें और हर्बल ड्रिंक तैयार करने के लिए अर्क को एड करें। इस तुलसी की चाय को पीने से सूजन और धूल एलर्जी के लक्षण ठीक हो जाते हैं।
काला जीरा सांस की नली में संक्रमण और सूजन को दूर करता है
संस्कृत में इसे कृष्ण जीराका भी कहा जाता है, काला जीरा या कलौंजी को Storehouse of Antimicrobial Agents कहते हैं जो सांस की नली में संक्रमण और सूजन को दूर करता है। एलर्जिक राइनाइटिस के लिए हर्बल उपचार के तौर पर काले जीरे के तेल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे दिन में दो बार नाक और गले पर लगाने और मालिश करने से परेशानी दूर करने में मदद मिलती है।
एलर्जी की समस्या का इलाज योग में भी
एलर्जी के लिए अर्धचंद्रासन, पवनमुक्तासन, वृक्षासन और सेतुबंधासन लाभकारी योगासन हैं। प्राणायाम (Breathing Exercise) एलर्जी के प्रति शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में बहुत मदद करता है। यह Body Cells के उचित पोषण और फंक्शन को ठीक रखने में मदद करता है।