1/7कहानी
फिल्म की कहानी मिस्टर और मिसेज दुबे यानी सुशांत (मनोज बाजपेई) और अपर्णा (तब्बू) की है। दोनों मियां-बीवी अपनी बेटी तितली के साथ मॉरिशस के एक खूबसूरत रिसॉर्ट में चेक इन करते हैं। लेकिन एक दिन उनकी बेटी रिसॉर्ट के सुइट से गायब हो जाती है। मॉरिशस पुलिस के अधिकारी बुद्धु (अनु कपूर) की एंट्री होती है। तितली की तलाश में फिल्म आगे बढ़ती है।
2/7समीक्षा

पुरानी कहावत है नरक का रास्ता अच्छे इरादों के साथ बनते हैं। ‘मिसिंग’ कुछ ऐसी ही है। फिल्म की कहानी रहस्यमई है, लेकिन दर्शकों को रोमांच की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंचाने में यह सफल नहीं हो पाती है। एक छोटी बच्ची रिसॉर्ट से आधी रात को गायब हो जाती है, लेकिन उनके माता-पिता मॉरिशस में बेवकूफों की तरह बर्ताव करते हैं। आप कभी भी ऐसे माता-पिता से धांधली भरे व्यवहार की अपेक्षा नहीं रखते हैं। रिश्तों में अविश्वास की कहानी भी इसमें जुड़ती चली जाती है।
3/7कहानी में है ढेर सारी खामियां

‘मिसिंग’ की कहानी में ढेरों खामियां हैं। बहुत से झोल हैं। दुखद ये है कि इस सस्पेंस थ्रिलर की कमजोर कहानी और एक्टर्स की बेकार एक्टिंग फिल्म को फनी बना देती है। फिल्म की शूटिंग मॉरिशस के एक रिसॉर्ट में हुई है। बेहद खूबसूरत जगह। यह असल में कोई हनीमून डेस्टिनेशन हो सकती थी, लेकिन कम से कम आप यहां तो कोई थ्रिलर कहानी नहीं ही देखना चाहेंगे।
4/7अनु कपूर को देखकर आती है हंसी
फिल्म में खूबसूरत समुद्र का किनारा है। हसीन बगीचे हैं। ऐसी जगह पर आप डर के साथ तो नहीं ही जीना चाहेंगे। मनोज बाजपेई और अनु कपूर की परफॉर्मेंस भी ऐसी नहीं है कि वह आपको बांधकर रख सके। मनोज पर्दे पर फ्लर्ट करते हुए नजर आते हैं। वह इसका भरसक प्रयास भी करते हैं, लेकिन जंच नहीं पाते। अनु कपूर का इंडियन-मॉरिशस वाली बोली अजीब है। वह शरलॉक होल्म्स बनने की कोशिश करते नजर आते हैं, लेकिन उन पर हंसी ही आती है।
5/7अच्छे एक्टर्स भी नहीं बचा सके फिल्म

फिल्म में तब्बू की एक्टिंग सहज है। वह आपको अच्छी लगती हैं। मनोज बाजपेई भी कई जगहों पर दमदार जान पड़े हैं। लेकिन कहानी में इतने लूप हैं कि बतौर दर्शक आप थक जाते हैं। बच्ची के गायब होने का रहस्य भी कहानी के आगे बढ़ते-बढ़ते थकने लगता है। अंत में आपको इससे फर्क नहीं पड़ता कि रहस्य उजागर हो या नहीं हो। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर से भी थोड़ा ज्यादा लाउड है।
6/7थ्रिलर फिल्म में कोई थ्रिल नहीं
इस थ्रिलर फिल्म की पहली बात ये है कि इसमें कोई थ्रिलर नहीं है। किसी रहस्यमई फिल्म को देखते हुए हंसी आना, अपने आप में दुखद है। फिल्म कहीं खो गई सी जान पड़ती है।